ऋतु बसंती को तन पे लपेटे हुए गोरे गालों को तुमने गुलाबी किया महकी महकी फिजाओं में तू रम गई आचमन बाग ने जैसे तेरा किया मैं भृमर बन के गुन्जन मचाने लगा दिल की धड़कन में सावन समेटे हुए ! 🍧🍨☕☕☕😊😂😂🍨💕😃💗👴😊😊😊💓💓😃💗💗💗 इश्क़ की चादरें ओढ़कर सो गए तेरे ख़्वावों खयालों में खो गए जबसे नज़रों ने मेरी जो तुमको छुआ तुम तो राधा लगीं मुझे बाअदब मन के कोने मेरे श्याम से हो गए ! 💓😃😃💗😊👴😍😊😈💕🍨💓😂😂😂💗