गणेश शाबर मंत्र मन्त्रः-
ॐ गणपति यहाँ पठाऊं तहां जावो दस कोस आगे जा ढाई कोस पीछे जा दस कोस सज्जे दस कोस खब्बे मैया गुफ्फा की आज्ञा मन रिद्धि सिद्धि देवी आन अगर सगर जो न आवे तो माता पारवती की लाज ! ॐ क्राम् फट् स्वाहा !
कार्य-सिद्धि हेतु गणेश शाबर मन्त्र मन्त्रः-
“ॐ गनपत वीर, भूखे मसान, जो फल माँगूँ, सो फल आन। गनपत देखे, गनपत के छत्र से बादशाह डरे। राजा के मुख से प्रजा डरे, हाथा चढ़े सिन्दूर। औलिया गौरी का पूत गनेश, गुग्गुल की धरुँ ढेरी, रिद्धि-सिद्धि गनपत धनेरी। जय गिरनार-पति। ॐ नमो स्वाहा।”
#समाज