Nojoto: Largest Storytelling Platform

मै अक्सर यह सोचती हूँ की क्या वह भी मुझे सोचता होग

मै अक्सर यह सोचती हूँ की क्या वह भी मुझे सोचता होगा
पलट कर देखती हूँ की वह मुझे देखता होगा
कुछ कदम चलू उसकी तरफ फिर सोचू की ,
क्या वह भी मेरी तरफ कदम बढाता होगा
मै उसकी इतनी दिवानी,क्या वह भी मेरा दिवाना होगा
फिर सोचू रहने देते है ऐसी बाते ,बस मोहब्बत का फसाना होगा
यह सब तो बस किताबी बाते है ,ना ही कभी आजमाइश की
ना ही कभी मेरी जिंदगी मे इनका आना होगा।
बाते तो सब अच्छी कर लेते है ,पर समझता कोई कोई दिवाना होगा
रहने देते है बाते सारी ,इनका ना ही अंत है ,
ना ही इनका आजमाना होगा।

©Neha gupta
  #think