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कैसे कोई कर्ज चुकाए गा तुम्हारा वो जो तुमने हंसते-

कैसे कोई कर्ज चुकाए गा तुम्हारा
वो जो तुमने हंसते-हंसते 
इस देश के लिए 
जान दे दी अपनी। यहां सब भूल बैठे हैं।
आज कोई देश की मिट्टी के लिए न जा गंवाता
 ना देश के लिए ही जान देता है ।बल्कि खुद की
जान के लिए किसी की जान ले जरूर सकते हैं।
 देश और देश प्रेम न जाने कहां खो गया है।
शत-शत नमन है आपको।
जो आपने हंसते-हंसते इस देश के लिए अपनी जान दे दी।
उपासना मिश्रा ✍️ #शहीद,भगत सिंह को याद करे
कैसे कोई कर्ज चुकाए गा तुम्हारा
वो जो तुमने हंसते-हंसते 
इस देश के लिए 
जान दे दी अपनी। यहां सब भूल बैठे हैं।
आज कोई देश की मिट्टी के लिए न जा गंवाता
 ना देश के लिए ही जान देता है ।बल्कि खुद की
जान के लिए किसी की जान ले जरूर सकते हैं।
 देश और देश प्रेम न जाने कहां खो गया है।
शत-शत नमन है आपको।
जो आपने हंसते-हंसते इस देश के लिए अपनी जान दे दी।
उपासना मिश्रा ✍️ #शहीद,भगत सिंह को याद करे

#शहीद,भगत सिंह को याद करे #कविता