जीवन राग अनोखा फिर भी खा ही जाता धोखा कितनी हो विपरीत परिस्थिति जीवन जीने की सदा इच्छा रहती सागर की गहराई जैसी ऊंचा पर्वत जैसी दृढ़ इच्छा जंगल हवा पानी जल तरंग जीवन में रहती है उमंग जीवन संध्या में भी सदा रहता राग अनुराग नही होता है कभी विराग। सुप्रभात। जीवन का यह राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे। #जीवनराग #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi