क्यू न बरसे आखों से निर..शब्दों के वार से दिल जाता चिर.. घाव यें कभी भर न पाएँ...टूटा यें दिल जुड न पाएँ... जख्म आत्मसम्मान के...जिंदगी भर न उभर पाएँ... करें माफ आखिर कैसे...दिल के सौदागर दिल को जलाएँ... #TEARSGIF