Life and Breath सांसे, भगवान् की, ज़िंदगी को, दी गई अमानत है। उसी के रहमोकरम से ही तो, हर ज़िंदगी सलामत है। खुद को, भगवान् समझने लगा है इंसान, कयामत को दे रहा दावत है। भगवान् के वजूद को भूल, बनाने की कोशिश कर रहा, अपनी अलग ही रियासत है। जब पड़ेगी उसकी लाठी की मार, समझेगा तभी, घमंडी इंसान की, ऐसे ही तो, समझने की आदत है। #सांसे#ज़िंदगी#भगवान्