आज फिर देखा मैंने तुम्हे ,,,मुझे देखकर नज़रे चुराकर निकलते हुए।। अब कैसे यकींन दिलाऊ ,,मैं तुम्हे की मैंने ,,,तुम्हे अपनों में गिनना छोड़ दिया है।।। तुमसे मोहब्बत का क्या ,,,नफरत का रिश्ता भी निभाना छोड़ दिया है।।। #nafart_#beganaa_kar_diya_maine_tumhay#nafart_bhi_nhi_mujhe_tumse