दहलीज़ .............. ख्वाहिशे उडान भरने की थी और हम आसमान तकते रह गये पंख जरा निकले ही थे हौंसलों के उडने को बंदीशें कुछ ऐसी पडी दहलीज़ की और हम बिख़रते रह गये,,, ©Shashi Saini #qoutes #दहलीज #बंदीशे बंदीशें दहलीज़ की,,,,,,,,,,