*बेशक दोस्त.*...! *तुम से जो बात, कर लेता हूं मैं...* ---++++++++++++++++++ किसी और से कभी, कर नहीं सकता .. जो बात सारी तुमसे , कर लेता हूं मैं...! संजीदा होना पड़ता है , मुस्कुराने से पहले, बेबाक ठहाके लगा कर, संग तेरे हंस लेता हूं मैं ..! कोई पैमाना नहीं, हंसने का , रोने का , बिताने का सुख- दुख के पल , तेरे संग कोई छुपाने का ...! कंधे भी तेरे और हाथ भी तेरे, समझता हूं मैं.. हैं ....मेरे अपने, जब संग तेरे होता हूं मैं ..! यादों के सफर पे जब , निकल पड़ता हूं मैं , दशकों भूल जाता हूं जब, संग तेरे होता हूं मैं ..! रूतबा शानो-शौकत सब के सब , बराबर ..! जब दोस्त बनकर , दोस्तों से मिल पड़ता हूं मैं ..! खट्टी-मीठी, इधर -उधर , हर बात तुमसे कर लेता हूं मैं भूल जाता हूं खुद को ,जब संग तेरे होता हूं मैं ..! दो पल ही सही जी भर के , जी लेता हूं मैं, जब-जब दोस्तों के संग , होता हूं मैं ..! ✍️ अनवर हुसैन अणु भागलपुरी ®™ ©Anwar Hussain Anu Bhagalpuri #FriendshipDayद्वारा अणुBhagalpuri खामोशी और दस्तक