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उलझा हूं खुद अपनी उलझनों में कभी घर से कभी दोस्तो

उलझा हूं खुद अपनी उलझनों में
कभी घर से कभी दोस्तो से
 कभी प्यार से  तो कभी आज से
लेकिन जब भी कोई पूछता है 
क्या चल रहा है---।
अच्छा हूँ bindaas हूँ 
कहना पड़ता है--।।
उलझा हूं खुद अपनी उलझनों में
कभी घर से कभी दोस्तो से
 कभी प्यार से  तो कभी आज से
लेकिन जब भी कोई पूछता है 
क्या चल रहा है---।
अच्छा हूँ bindaas हूँ 
कहना पड़ता है--।।
sachinjain4893

Sachin Jain

New Creator