आजकल के दौराँ में, तुम सोचते हो क्या और क्या हो जाता है, अंतरंगी अहबाब अचानक, दूरियां बना, गुमराह हो जाता है, अजीब कशमकश में जिंदगी , सुकून की जुस्तजू में इंस फना हो जाता है, लिप्साओं में डूबी इंसानियत, रास्ते-ए-जराइम में इश्तिराक हो जाता है। #Contest_21 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 2 से 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,