अच्छा सुनिए नफरत में कितनी चुस्ती फुर्ती होती है झट से दबोच लेता है रिश्तों को और वही उनका अंतिम संस्कार कर देता है, प्रेम किसी कछुए की भांति धीरे-धीरे अपनी मंजिल को पहुँचता हैं !! #Atuljain