इतना तो मैं ख़ुदा से भी न डरा, जितना तुमने डरा रखा है। मेरी हर साँस, हर लम्हे में, ये कैसा ख़ौफ जगा रखा है। बेशक ख़ुदा ने तुमको, इक ओहदे पर बिठाया है। मगर ये क्या, तुमने मुझे अपना ग़ुलाम बना रखा है। तु बराबर का शरीक़ है, इस गुनाह ए शिर्क में। मैंने तेरी ही ख़ुदाई का परचम उठा रखा है। चार दिन की है ये ज़िंदगी, कट तो सभी की जाएगी। फिर क्यों किसी को महबूब, किसी को "पागल" बना रखा है। ईजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #YQbaba #YQdidi #shayari #YQghalib #hindi #bergamo #PhD