समय जलेगा स्नेह पगेगा सांझ ढलेगी आंखों में चिंगारी वो लौ पकड़ेगी जोश भरेगी लाखों में क्षमता वाली ममता के पालित सूरज बनकर विकसेंगे खूब तपेंगे बादल नग- नग एक पुकार पर बरसेंगे सींचेंगे सूनी आशा को फूल खिलेंगे शाखों पे ये ठहरी आंखों के आंसू स्वप्न बनेंगे अनगिन आंखों के #toyou#yqsun#yqquest#burning time#tappingstream