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कभी किसी न किसी बहाने हमें दौड़ाती रही, कभी पार्थ स

कभी किसी न किसी बहाने हमें दौड़ाती रही, कभी पार्थ सा अहसास कराती रही 
कभी समझी न खुद बस हमें ही समझाती रही जिन्दगी... बीते बरस !

कभी हिचकोले खाती नाव रही, कभी हवेली सुनसान रही जिन्दगी.. बीते बरस
कभी किसी दरख्त की छाँव रही, कभी पेट्रोल का भाव रही जिन्दगी...बीते बरस !

इक ख्वाब जो देखा करता था अक्सर.. वो पास आकर भी दूर चला गया..
हमेशा जमीं और अम्बर के मध्य संँवाद रही जिन्दगी... बीते बरस


 जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। 
क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जारी है। 
क्या आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है। 
#बीतेबरसमें  
#collab करें #yqdidi के साथ।
 #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #yqtales
कभी किसी न किसी बहाने हमें दौड़ाती रही, कभी पार्थ सा अहसास कराती रही 
कभी समझी न खुद बस हमें ही समझाती रही जिन्दगी... बीते बरस !

कभी हिचकोले खाती नाव रही, कभी हवेली सुनसान रही जिन्दगी.. बीते बरस
कभी किसी दरख्त की छाँव रही, कभी पेट्रोल का भाव रही जिन्दगी...बीते बरस !

इक ख्वाब जो देखा करता था अक्सर.. वो पास आकर भी दूर चला गया..
हमेशा जमीं और अम्बर के मध्य संँवाद रही जिन्दगी... बीते बरस


 जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। 
क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जारी है। 
क्या आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है। 
#बीतेबरसमें  
#collab करें #yqdidi के साथ।
 #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #yqtales