तुम कोई और हो, खूब जानता हूं तुमको काफिर हूं, पर खुदा मानता हूं तुमको वो भी देखा जो, कभी दिखाई ना दिया रूह की तिश्नगी से पहचानता हूं तुमको #जानता_हूँ #वत्स #dsvatsa #vatsa #illiteratepoet #yqhindi #हिन्दीशायरी