नींद नहीं आती है अब मुझको खुली आंखों से देखे मैने भी सपने है कोई मजनू बताता है कोई दीवाना कहता है मेरे हालात कुछ ऐसे है बढ़ चला हूं बस अब तो में मंजिल की तरफ रुकना मैने ना सीखा है बड़े तहजीब से लिखती कलम जज्बात ये मेरी स्वाद थोड़ा सा तीखा है चुने मैने ही तो है ये कठिन मेरे जो रस्ते है कोई मजनू बताता है कोई दीवाना कहता मेरे हालात कुछ ऐसे है थमी हाथो में कलम मेरे बंधी पैरो में बेड़ियां आंखों से तो छलके मेरे भी आंसू है फटी मेरी भी एड़ियां मेरे अपने ही तो है वो जिन्होनें मेरे जज्बात जकड़े है कोई मजनू बताता है कोई दीवाना कहता मेरे हालात कुछ ऐसे है नहीं रुकना है अब मुझको नहीं हालात से डरना है तपते हुए अंगारों से गूजर कर ही जमीं पे तारो को लाना है कोई बतलादे अब मुझको मेरे अल्फाज कैसे है कोई मजनू बताता है कोई दीवाना कहता है मेरे हालात कुछ ऐसे है यू तो नाम बड़े है इस दुनिया में अंधेरों में जाकर ही चिराग मुझको जलाना है छोड़दे ए काफिर अब तो दुनिया में बुराई ढूंडना एक दिन तुझको भी तो अपना आसिया बनाना है । अनुज गुर्जर जब लिखती कलम जज्बात ये तेरी दरिया आंखो से बहते है कोई मजनू बताता है कोई दीवाना कहता है मेरे हालात कुछ ऐसे है। #NojotoQuote नींद नहीं आती है अब मुझको खुली आंखों से देखे मैने भी सपने है#nojoto the best poiet write by AnujGujjar