बचपन और लड़ाई जीवन के कुछ पल ऐसे बीत गए कब आए और कब चले भी गए सबसे खास तो बचपन रहा जो बिना किसी तनाव के वय्तित हुआ उसके बाद की प्राथमिक शिच्छा जो पुरे आनंद के साथ पूरा हुआ वो बचपन की कट्टी हो या लड़ाईयाँ न जाने कैसे सुलझ जाती लेकिन आज के पल में वास्तविकता बिलकुल ही विपरीत है सुलह करने पर और न जाने कितनी अटकले सामने आ जाती है तो हम अगर पचपन के भी हो जाए तो वो बचपन कभी न भुले | ©Arati Sah #BachpanAurLadai