बनाया होगा मेरे लिए भी कोई दिलफ़रोज। मैं रोज़ सोचता हूँ होगी मुलाक़ात इमरोज़। हो मेरा उसके लिए दीन-ओ-दिल-अजीज़। मेरे दर को दैर कर दे हो वो ऐसा निमरोज़। कठिन शब्दार्थ- : दिलफ़रोज- हृदय में वसने वाला इमरोज़- आज दीन-ओ-दिल-अजीज़- अनन्य प्रेम दर- घर दैर- मन्दिर निमरोज़- सूर्य की तरह चमकीला