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माँ वो लम्हा जब पहली बार मैं गिर कर हारा था वो पल

माँ
वो लम्हा जब पहली बार मैं गिर कर हारा था
वो पल जब ज़िंदगी ने मुझे कुछ यूँ धकारा था
वही दिन जब तेरे राजा बेटा को रंक का यारा था
था ये वही दिन जब तूने मुझे संभाला था

ख़ैरियत रखूँ इस शरीर की ये तूने सिखाया था
होश ना गवाँ बैठूँ यही अक्सर तूने बतलाया था
पर ख़ामोशी के पल यूँ डरा से जाते थे
तेरा फ़ोन ना उठाने पर मैं भी कुछ यूँ घबराया था

Continued in caption माँ
वो लम्हा जब पहली बार मैं गिर कर हारा था
वो पल जब ज़िंदगी ने मुझे कुछ यूँ धकारा था
वही दिन जब तेरे राजा बेटा को रंक का यारा था
था ये वही दिन जब तूने मुझे संभाला था

ख़ैरियत रखूँ इस शरीर की ये तूने सिखाया था
होश ना गवाँ बैठूँ यही अक्सर तूने बतलाया था
माँ
वो लम्हा जब पहली बार मैं गिर कर हारा था
वो पल जब ज़िंदगी ने मुझे कुछ यूँ धकारा था
वही दिन जब तेरे राजा बेटा को रंक का यारा था
था ये वही दिन जब तूने मुझे संभाला था

ख़ैरियत रखूँ इस शरीर की ये तूने सिखाया था
होश ना गवाँ बैठूँ यही अक्सर तूने बतलाया था
पर ख़ामोशी के पल यूँ डरा से जाते थे
तेरा फ़ोन ना उठाने पर मैं भी कुछ यूँ घबराया था

Continued in caption माँ
वो लम्हा जब पहली बार मैं गिर कर हारा था
वो पल जब ज़िंदगी ने मुझे कुछ यूँ धकारा था
वही दिन जब तेरे राजा बेटा को रंक का यारा था
था ये वही दिन जब तूने मुझे संभाला था

ख़ैरियत रखूँ इस शरीर की ये तूने सिखाया था
होश ना गवाँ बैठूँ यही अक्सर तूने बतलाया था

माँ वो लम्हा जब पहली बार मैं गिर कर हारा था वो पल जब ज़िंदगी ने मुझे कुछ यूँ धकारा था वही दिन जब तेरे राजा बेटा को रंक का यारा था था ये वही दिन जब तूने मुझे संभाला था ख़ैरियत रखूँ इस शरीर की ये तूने सिखाया था होश ना गवाँ बैठूँ यही अक्सर तूने बतलाया था #MothersDay #Missing #maa #Mom