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धोखे सब रंजिशें रो रही थी उनकी जब आँख से अश्क़ पलक

धोखे सब रंजिशें रो रही थी उनकी जब 
आँख से अश्क़ पलको के किनारों से बह नही पाया,,

तड़पा तो  वो भी बहुत होगा इश्क़
की खता में एक भी खत वो काफ़िर बचा नही पाया,,

कहता है अब दरवाजे बंद है तेरे लिए वो मगर 
दिल की खिड़कियों को किसी ओर के लिए खोल नही पाया,,

क्यों मुझे तुर्बत में लिटा कर उसका इंतजार 
कर रहे हो वो मसरुफ होगा जो आज भी आ नही पाया,,

इस बात की भी लाहनत पड़ी है मुझपे
वो धोखेबाज़ धोखा देकर भी बेबफा कहला नही पाया,,

एक ग़ज़ल के अशार नही मनाते मेरे वर्ना मुझे तो 
पता है "सुमन"कि वो इन्हें पढ कर वो कभी समझ नही न पाया,, #Relationships
#dhokhe
#december
#nojoto
#kavita Satwinder singh Durgeshkumarsah47 aman6.1 aamil Qureshi
धोखे सब रंजिशें रो रही थी उनकी जब 
आँख से अश्क़ पलको के किनारों से बह नही पाया,,

तड़पा तो  वो भी बहुत होगा इश्क़
की खता में एक भी खत वो काफ़िर बचा नही पाया,,

कहता है अब दरवाजे बंद है तेरे लिए वो मगर 
दिल की खिड़कियों को किसी ओर के लिए खोल नही पाया,,

क्यों मुझे तुर्बत में लिटा कर उसका इंतजार 
कर रहे हो वो मसरुफ होगा जो आज भी आ नही पाया,,

इस बात की भी लाहनत पड़ी है मुझपे
वो धोखेबाज़ धोखा देकर भी बेबफा कहला नही पाया,,

एक ग़ज़ल के अशार नही मनाते मेरे वर्ना मुझे तो 
पता है "सुमन"कि वो इन्हें पढ कर वो कभी समझ नही न पाया,, #Relationships
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#kavita Satwinder singh Durgeshkumarsah47 aman6.1 aamil Qureshi