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रात में शहर घुमना अच्छा लगता है।

रात में शहर घुमना अच्छा लगता है।
                     उस समय यह दुनिया मुझे 
अपने जैसी लगती है।
               थोड़ी शांत,बिलकुल भी हड़बड़ी में नहीं,
चिल्ल पों से दुर अौर काफी कुछ एेसी                                                     जिसे जानना अभी बचा हुआ है।
मानो ज़िन्दगी के अंदर एक अौर ज़िन्दगी हो, 
                             जिसे जिया जीना अभी बाकी हो। रात में शहर घुमना अच्छा लगता है।
                     उस समय यह दुनिया मुझे 
अपने जैसी लगती है।
               थोड़ी शांत,बिलकुल भी हड़बड़ी में नहीं,
चिल्ल पों से दुर अौर काफी कुछ एेसी                         
                                       जिसे जानना अभी बचा हुआ है।
मानो ज़िन्दगी के अंदर एक अौर ज़िन्दगी हो, 
                             जिसे जिया जीना अभी बाकी हो।
रात में शहर घुमना अच्छा लगता है।
                     उस समय यह दुनिया मुझे 
अपने जैसी लगती है।
               थोड़ी शांत,बिलकुल भी हड़बड़ी में नहीं,
चिल्ल पों से दुर अौर काफी कुछ एेसी                                                     जिसे जानना अभी बचा हुआ है।
मानो ज़िन्दगी के अंदर एक अौर ज़िन्दगी हो, 
                             जिसे जिया जीना अभी बाकी हो। रात में शहर घुमना अच्छा लगता है।
                     उस समय यह दुनिया मुझे 
अपने जैसी लगती है।
               थोड़ी शांत,बिलकुल भी हड़बड़ी में नहीं,
चिल्ल पों से दुर अौर काफी कुछ एेसी                         
                                       जिसे जानना अभी बचा हुआ है।
मानो ज़िन्दगी के अंदर एक अौर ज़िन्दगी हो, 
                             जिसे जिया जीना अभी बाकी हो।
babluabbas3401

Bablu Abbas

New Creator

रात में शहर घुमना अच्छा लगता है। उस समय यह दुनिया मुझे अपने जैसी लगती है। थोड़ी शांत,बिलकुल भी हड़बड़ी में नहीं, चिल्ल पों से दुर अौर काफी कुछ एेसी जिसे जानना अभी बचा हुआ है। मानो ज़िन्दगी के अंदर एक अौर ज़िन्दगी हो, जिसे जिया जीना अभी बाकी हो। #Poetry