कभी इन रास्तों पर जब कारवाँ गुज़रा अपनी मंज़िल का पता पूछता गुज़रा। रास्तों की कभी कोई मंज़िल न थी ना हर मंज़िल से होता कोई रास्ता गुज़रा। ...गौतम #rashta