इस नज़्म के जरिए तुम्हें एक बात कहते हैं, लो हम तुम्हें बेईमान कहते हैं, यूं तो कोई जान ले ना सका हमारी, और जो लेकर गया, हम उसी को जान कहते हैं हमारी.. तुम में तुम रहते तो अच्छा होता, हम में हम रहते तो अच्छा होता, ना जाने क्यों जान लिया तुम्हें इतना, तुम अजनबी होते तो ही अच्छा होता... ©authorasmitamohanty इस नज़्म के जरिए तुम्हें एक बात कहते हैं, लो हम तुम्हें बेईमान कहते हैं, यूं तो कोई जान ले ना सका हमारी, और जो लेकर गया, हम उसी को जान कहते हैं हमारी.. तुम में तुम रहते तो अच्छा होता, हम में हम रहते तो अच्छा होता, ना जाने क्यों जान लिया तुम्हें इतना,