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शाम ढ़ल रही है फिज़ा रंगीन हो रही है ठंडी हवा चल रही

शाम ढ़ल रही है
फिज़ा रंगीन हो रही है
ठंडी हवा चल रही है
तबीयत आफ़रीन हो रही है

नज़रों को तुम झुका लो
जुल्फों में हमें पनाह दो
मीठी सी है ये ठंडक
हवा नमकीन हो रही है

बादल सा जिस्म तेरा
बूँदों सा इश्क मेरा
चाँद भी कह रहा है
बात संगीन हो रही है

मुझमें घुल रही हो
बनके शायरी तुम
रेशा-रेशा है तेरी गवाही
रात बेहतरीन हो रही है...
© abhishek trehan











 #moonsandmoans #erotica #yqbaba #manawoawaratha #romantic_poetry #romanticshayari #yqhindi
शाम ढ़ल रही है
फिज़ा रंगीन हो रही है
ठंडी हवा चल रही है
तबीयत आफ़रीन हो रही है

नज़रों को तुम झुका लो
जुल्फों में हमें पनाह दो
मीठी सी है ये ठंडक
हवा नमकीन हो रही है

बादल सा जिस्म तेरा
बूँदों सा इश्क मेरा
चाँद भी कह रहा है
बात संगीन हो रही है

मुझमें घुल रही हो
बनके शायरी तुम
रेशा-रेशा है तेरी गवाही
रात बेहतरीन हो रही है...
© abhishek trehan











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