इरचदोहा चौपाई 🙏#राम_भक्त_हनुमान🙏 हनुमत आये एक दिन,माँ सीता के पास। मांग में सिंदूर देख , पूछे क्या ये खास। माँ सीता सुन ये मुसकायी, बस बहलाने युक्ति बतायी। मांग राम को सिंदुर भायी। मैने ये इस लिये लगायी। राम राम बस राम सुहाये। सिवा राम के कुछ ना भाये। खुश करने की युक्ति बनाये। सिन्दूरी तन पूर्ण सजाये। हैं दरबार जु बैठे रामा, बैठे राम चरण में वामा। बजरंगी की धन्य रमाई। सोच सिया जी है मुस्काई। सीता का आशीष है पाया । अटल भक्ति वरदान है पाया। राम सिया के भक्त हैं प्यारे। प्रभु सेवा में सबसे न्यारे। हनुमत ने सिन्दूर से ,रंग दिये सब अंग। सिन्दूरी हनुमत हुए,देख सिया है दंग। खुश होके आशीष दीं, रहो राम के दास। हर युग जो पूजे तुम्हें , मिले राम का वास। तब से हुए प्रसिद्ध हैं, राम भक्त हनुमान। त्रेता द्वापर व कलियुग,सदा रहेगा मान। वीणा खंडेलवाल तुमसर