Nojoto: Largest Storytelling Platform

पराए से तो हर कोई लड़ कर जीत सकता है पर बात अपनों

पराए से तो हर कोई लड़ कर जीत सकता है
पर बात अपनों की आए तो सब हार जाता है  स्वार्थआ जाए मन में तो अपनों से लड़ जाता हैं
लड़ना क्या तब तो रिश्तों का कत्ल हो जाता है 
जब जीत जाएं तब फ़िर भी डर खाये जाता है
 वो सब कुछ पाकर भी अकेला रह जाता है
मन में न झांक कर शांति की तलाश में रहता हैं
मन में झांके तो अपने किए का पछतावा हो जाता है
पर मन में झांके कौन क्योंकि वह सच बताता है
फ़िर मन पर हावी उसके घमंड हावी हो जाता है
फिर वह शांति की तलाश कहां कर पाता है
अकेलापन महसूस कर कई दूर निकल जाता है

©Chandrawati Murlidhar Sharma इंसान खुद को कहां खोज पाता है

#findyourself
पराए से तो हर कोई लड़ कर जीत सकता है
पर बात अपनों की आए तो सब हार जाता है  स्वार्थआ जाए मन में तो अपनों से लड़ जाता हैं
लड़ना क्या तब तो रिश्तों का कत्ल हो जाता है 
जब जीत जाएं तब फ़िर भी डर खाये जाता है
 वो सब कुछ पाकर भी अकेला रह जाता है
मन में न झांक कर शांति की तलाश में रहता हैं
मन में झांके तो अपने किए का पछतावा हो जाता है
पर मन में झांके कौन क्योंकि वह सच बताता है
फ़िर मन पर हावी उसके घमंड हावी हो जाता है
फिर वह शांति की तलाश कहां कर पाता है
अकेलापन महसूस कर कई दूर निकल जाता है

©Chandrawati Murlidhar Sharma इंसान खुद को कहां खोज पाता है

#findyourself

इंसान खुद को कहां खोज पाता है #findyourself