तो बोल पड़ती, जब जब अकेले बैठे होते हम, होते मायूस गुमसुम से.. बोलती, कि अकेले तुम कहां हो, मैं भी तुम संग हमेशा हूं! ए दोस्त, बाहर की दुनिया मत देखो, अपने अंदर भी कभी झांको तुम, तुम हंसते हो तो खिलखिलाती हूं मैं भी भीतर और, तुम शांत हो तो मैं भी हूं गुमसुम... तो बाहर वाले के लिए रोना बंद करो, और मेरे लिए मुस्कुरा दिया करो! मैं हूं तुम्हारी परछाई, मैं वो हूं जो तुम संग हमेशा हूं... इस जहां में भी और हर जहान में....! एक #collab YourQuote Baba से साभार #परछाइयाँ अगर बोल सकतीं #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi