यह की हमें पराये वतन की चाह थी मूल से भिन्न होना शरणार्थी गोत्र पाना भला कौन चाहेगा। अच्छा मुझे बताइये अनेक कारणों से क्या अल्पसंख्यक तमाशबीन नहीं रहे ? फिर भी हमने अपना मूल नहीं छोड़ा मूल्य नहीं छोड़ा। #झूठहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #yqbaba