मैं सिर्फ अपने खयालों का गुलाम हों, मैं खयालों में ही जीता हों, और खयालों से ही बदनाम हों, मैं किसी बादशाह के आगे सिर नहीं झुकाता, न ही शहादत में न ही इवादत में, कोई कसूर है तो मेरी सजावट में, चाहे में इन्तकाम दूं या अन्जाम दूं, मैं सिर्फ अपने खयालों का गुलाम हूं। ...राहुल #khayal_mere_kuch_ese_hi_hai