में जीतने के लिए #बाध्य नही हूँ, लेकिन में सच बोलने के लिए # बाध्य हूँ। में सफल नही हो सकती, लेकिन में बोल सकती हूँ ••• कि मेरे पास ईमानदारी हैं। अक्सर सुनती आयी हूँ ••• अभी नयी नयी आयी है॰॰॰॰ सीख जायेगी। हमनें उम्र निकाली है, ऐसी ईमानदारी देख कर। उनके लिए....... जितनी उम्र निकाली है, साहब उतनी गड्डीयाँ देखती बड़ी हुई हूँ# मुझे चिल्लरों की खनक से फर्क नही पड़ेगा। ©divya singh #blindtrust