आ रहा है सावन का महीना फिर से तुम्हारी याद दिलाने फिर से हर जख्म को ताज़ा करने... मै तुम्हारे रूह में तो उतर गई थी पर तुम दिल में ना उतार सके पहुच गई थी तुम्हारी नसो में पर तुम धड़कनों में ना उतार सके तो क्यूं ना इस सावन में, मै तुम्हारी हर चीज को बारिश में बहा दू जब तुम मेरे साथ भिगोना ही नहीं चाहते... Neha Maurya # अा रहा है सावन..