White न जाने क्यों अब मोहब्बत से कतराता हूं मैं.. कोई हमदर्दी जताए तो घबराता हूं मैं.. यूं तो बहुत ख़ास से आम हुए हैं हम, पर कोई बात नहीं.. अब सुकून मिल सके इस ज़माने में, ऐसी कोई रात नहीं.! एक अरसा गुजारो तुम अंधेरे कमरे में,तो शायद मालूम हो.. यहां ज़िंदगी जीना वो भी हंसकर, इतना आसान नहीं..! ©_Writer_Sharda_ #sad_qoute Dr Udayver Singh डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)