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वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे

वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि कि मुझे तो आज 3:30 बजे पास वाले चौराहे पर जाना था,
क्योंकि कल उसने वादा किया था कि आज ठीक 3:30 बजे   वो मुझे चौराहे पर मिलेगी।
हां, वो मेरे इजहार का आज जबाव देने वाली है।
कल मैं पूरी रात नहीं सोया, बस उसी के बारे में सोचता रहा कि वो क्या जवाब देगी।
आज सुबह भी मैं सोफे पर बैठा उसी के बारे में सोच रहा था, ये सोचते सोचते पता नहीं कब मेरी आंख लग पता ही नहीं चला।
मेरे छोटे भाई की शरारतों के शोर से मेरी नींद टूटी और तब तक  3 बज चुके थे।
-- read full story indescription मैं झटपट उठा और तैयार होकर चौराहे पर पहुंच गया।
वहां खड़ा होकर मैं उसका इंज़ार करने लगा करीब 15 मिनट बाद वो मुझे दिखाई दी। उसने मुझसे कुछ नहीं कहा बस एक लिफाफा मेरी हाथों में थमाकर चली गई। वहां खड़े कुछ लोगों ने उसे मुझे लिफाफा पकड़ाते हुए देख लिया था, जिनमें से कुछ लोग पिता जी की जान पहचान वाले थे। मैं तुरन्त वहां से घर पहुंचा और सीधा अपने कमरे में पहुंच गया और कमरे कि कुण्डी लगा ली मैं लिफाफा खोलने ही वाला था कि मां की आवाज़ आई कि बेटा खाना खा ले क्यूंकि मां जबतक खाना खिला नहीं लेती है तबतक चैन सेंही बैठती है बस यही सोचकर मैं पहली बार में कमरे के बाहर डायनिंग रूम में पहुंच गया। मां ने दोपहर का खाना डाइनिंग टेबल पर लगा दिया था। मैं खाना खाकर जैसे ही कमरे मैं वापस आया तो देखा कि वो लिफाफा मेरी बड़ी बहन के हाथ में देखकर मेरी तो जैसे जान सी निकल गई; पर शुक्र है भगवान का कि उन्होंने लिफाफे को खोलकर नहीं देखा था। उनसे लिफाफा लेकर अपने पास रख लिया और उनके कमरे से बाहर जाने के बाद कमरे को अंदर से लॉक किया और लिफाफा खोला लिफाफे में उसमे एक कागज था या शायद प्रेम पत्र भी के सकते हैं। जिसमे लिखा था कि 
" शुक्रिया विनीत जो  तुमने मुझसे अपने प्यार का इजहार किया क्यूंकि शायद और लड़कियों की तरह अपने प्यार का इजहार खुद करना मेरे बस की बात नहीं थी। हां, तुम सही समझे मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं। पहले दिन से ही जब मेरे पापा मुझे मौसी के घर पढ़ने के लिए छोड़कर गए थे उस दिन से लेकर आज तक बस तुम्हारे बारे में सोचती रहती हूं,
पर कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई। बस तुम्हारे बारे में ज्यादा से ज्यादा चीजें पता करती रही जैसे की तुम्हारा फेवरेट रंग नीला, तुम्हारी पसंदीदा मिठाई मोतीचूर के लड्डू है, तुम्हे शायरी लिखना पसंद है, तुम्हें उपन्यासकार चेतन भगत के उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है। तुम कब घर से बाहर निकलते ही कब घर वापस आते हो और घर बाहर जाने पर कहां रहते हो सब कुछ पता कर लिया लेकिन कभी ये पता नहीं कर पाई कि तुम भी मुझसे प्यार करते हो। और कल जब तुमने मुझे मेरे कॉलेज के सामने घुटनों पर बैठकर जब मुझे प्रपोज किया तो मेरा मन उछल पड़ा, मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि जिस लड़के को में इतने दिनों से प्रपोज करना चाहती हूं वो खुद ही मुझसे प्रपोज कर देगा मेरा मन तो किया था कि में तुम्हे वहीं पर हां कह देती पर हिम्मत नहीं हुई इसलिए मैंने तुम्हे पास वाले चौराहे पर इंतजार करने को कहा था। जो कुछ में तुमसे आज तक नहीं कह पाई वो आज इस कागज के टुकड़े पर लिख रही हूं। मैं तुम्हें बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूं क्यूं न मैं यही बात तुम्हारे अंदाज़ में कहूं - 

'' मैं ये इकरार तुमसे बार बार करती हूं,
   मैं ये इकरार तुमसे बार बार करती हूं,
   तुम जान हो मेरी मैं तुमसे प्यार करती हूं।''
वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि कि मुझे तो आज 3:30 बजे पास वाले चौराहे पर जाना था,
क्योंकि कल उसने वादा किया था कि आज ठीक 3:30 बजे   वो मुझे चौराहे पर मिलेगी।
हां, वो मेरे इजहार का आज जबाव देने वाली है।
कल मैं पूरी रात नहीं सोया, बस उसी के बारे में सोचता रहा कि वो क्या जवाब देगी।
आज सुबह भी मैं सोफे पर बैठा उसी के बारे में सोच रहा था, ये सोचते सोचते पता नहीं कब मेरी आंख लग पता ही नहीं चला।
मेरे छोटे भाई की शरारतों के शोर से मेरी नींद टूटी और तब तक  3 बज चुके थे।
-- read full story indescription मैं झटपट उठा और तैयार होकर चौराहे पर पहुंच गया।
वहां खड़ा होकर मैं उसका इंज़ार करने लगा करीब 15 मिनट बाद वो मुझे दिखाई दी। उसने मुझसे कुछ नहीं कहा बस एक लिफाफा मेरी हाथों में थमाकर चली गई। वहां खड़े कुछ लोगों ने उसे मुझे लिफाफा पकड़ाते हुए देख लिया था, जिनमें से कुछ लोग पिता जी की जान पहचान वाले थे। मैं तुरन्त वहां से घर पहुंचा और सीधा अपने कमरे में पहुंच गया और कमरे कि कुण्डी लगा ली मैं लिफाफा खोलने ही वाला था कि मां की आवाज़ आई कि बेटा खाना खा ले क्यूंकि मां जबतक खाना खिला नहीं लेती है तबतक चैन सेंही बैठती है बस यही सोचकर मैं पहली बार में कमरे के बाहर डायनिंग रूम में पहुंच गया। मां ने दोपहर का खाना डाइनिंग टेबल पर लगा दिया था। मैं खाना खाकर जैसे ही कमरे मैं वापस आया तो देखा कि वो लिफाफा मेरी बड़ी बहन के हाथ में देखकर मेरी तो जैसे जान सी निकल गई; पर शुक्र है भगवान का कि उन्होंने लिफाफे को खोलकर नहीं देखा था। उनसे लिफाफा लेकर अपने पास रख लिया और उनके कमरे से बाहर जाने के बाद कमरे को अंदर से लॉक किया और लिफाफा खोला लिफाफे में उसमे एक कागज था या शायद प्रेम पत्र भी के सकते हैं। जिसमे लिखा था कि 
" शुक्रिया विनीत जो  तुमने मुझसे अपने प्यार का इजहार किया क्यूंकि शायद और लड़कियों की तरह अपने प्यार का इजहार खुद करना मेरे बस की बात नहीं थी। हां, तुम सही समझे मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं। पहले दिन से ही जब मेरे पापा मुझे मौसी के घर पढ़ने के लिए छोड़कर गए थे उस दिन से लेकर आज तक बस तुम्हारे बारे में सोचती रहती हूं,
पर कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई। बस तुम्हारे बारे में ज्यादा से ज्यादा चीजें पता करती रही जैसे की तुम्हारा फेवरेट रंग नीला, तुम्हारी पसंदीदा मिठाई मोतीचूर के लड्डू है, तुम्हे शायरी लिखना पसंद है, तुम्हें उपन्यासकार चेतन भगत के उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है। तुम कब घर से बाहर निकलते ही कब घर वापस आते हो और घर बाहर जाने पर कहां रहते हो सब कुछ पता कर लिया लेकिन कभी ये पता नहीं कर पाई कि तुम भी मुझसे प्यार करते हो। और कल जब तुमने मुझे मेरे कॉलेज के सामने घुटनों पर बैठकर जब मुझे प्रपोज किया तो मेरा मन उछल पड़ा, मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि जिस लड़के को में इतने दिनों से प्रपोज करना चाहती हूं वो खुद ही मुझसे प्रपोज कर देगा मेरा मन तो किया था कि में तुम्हे वहीं पर हां कह देती पर हिम्मत नहीं हुई इसलिए मैंने तुम्हे पास वाले चौराहे पर इंतजार करने को कहा था। जो कुछ में तुमसे आज तक नहीं कह पाई वो आज इस कागज के टुकड़े पर लिख रही हूं। मैं तुम्हें बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूं क्यूं न मैं यही बात तुम्हारे अंदाज़ में कहूं - 

'' मैं ये इकरार तुमसे बार बार करती हूं,
   मैं ये इकरार तुमसे बार बार करती हूं,
   तुम जान हो मेरी मैं तुमसे प्यार करती हूं।''

मैं झटपट उठा और तैयार होकर चौराहे पर पहुंच गया। वहां खड़ा होकर मैं उसका इंज़ार करने लगा करीब 15 मिनट बाद वो मुझे दिखाई दी। उसने मुझसे कुछ नहीं कहा बस एक लिफाफा मेरी हाथों में थमाकर चली गई। वहां खड़े कुछ लोगों ने उसे मुझे लिफाफा पकड़ाते हुए देख लिया था, जिनमें से कुछ लोग पिता जी की जान पहचान वाले थे। मैं तुरन्त वहां से घर पहुंचा और सीधा अपने कमरे में पहुंच गया और कमरे कि कुण्डी लगा ली मैं लिफाफा खोलने ही वाला था कि मां की आवाज़ आई कि बेटा खाना खा ले क्यूंकि मां जबतक खाना खिला नहीं लेती है तबतक चैन सेंही बैठती है बस यही सोचकर मैं पहली बार में कमरे के बाहर डायनिंग रूम में पहुंच गया। मां ने दोपहर का खाना डाइनिंग टेबल पर लगा दिया था। मैं खाना खाकर जैसे ही कमरे मैं वापस आया तो देखा कि वो लिफाफा मेरी बड़ी बहन के हाथ में देखकर मेरी तो जैसे जान सी निकल गई; पर शुक्र है भगवान का कि उन्होंने लिफाफे को खोलकर नहीं देखा था। उनसे लिफाफा लेकर अपने पास रख लिया और उनके कमरे से बाहर जाने के बाद कमरे को अंदर से लॉक किया और लिफाफा खोला लिफाफे में उसमे एक कागज था या शायद प्रेम पत्र भी के सकते हैं। जिसमे लिखा था कि " शुक्रिया विनीत जो तुमने मुझसे अपने प्यार का इजहार किया क्यूंकि शायद और लड़कियों की तरह अपने प्यार का इजहार खुद करना मेरे बस की बात नहीं थी। हां, तुम सही समझे मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं। पहले दिन से ही जब मेरे पापा मुझे मौसी के घर पढ़ने के लिए छोड़कर गए थे उस दिन से लेकर आज तक बस तुम्हारे बारे में सोचती रहती हूं, पर कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई। बस तुम्हारे बारे में ज्यादा से ज्यादा चीजें पता करती रही जैसे की तुम्हारा फेवरेट रंग नीला, तुम्हारी पसंदीदा मिठाई मोतीचूर के लड्डू है, तुम्हे शायरी लिखना पसंद है, तुम्हें उपन्यासकार चेतन भगत के उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है। तुम कब घर से बाहर निकलते ही कब घर वापस आते हो और घर बाहर जाने पर कहां रहते हो सब कुछ पता कर लिया लेकिन कभी ये पता नहीं कर पाई कि तुम भी मुझसे प्यार करते हो। और कल जब तुमने मुझे मेरे कॉलेज के सामने घुटनों पर बैठकर जब मुझे प्रपोज किया तो मेरा मन उछल पड़ा, मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि जिस लड़के को में इतने दिनों से प्रपोज करना चाहती हूं वो खुद ही मुझसे प्रपोज कर देगा मेरा मन तो किया था कि में तुम्हे वहीं पर हां कह देती पर हिम्मत नहीं हुई इसलिए मैंने तुम्हे पास वाले चौराहे पर इंतजार करने को कहा था। जो कुछ में तुमसे आज तक नहीं कह पाई वो आज इस कागज के टुकड़े पर लिख रही हूं। मैं तुम्हें बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूं क्यूं न मैं यही बात तुम्हारे अंदाज़ में कहूं - '' मैं ये इकरार तुमसे बार बार करती हूं, मैं ये इकरार तुमसे बार बार करती हूं, तुम जान हो मेरी मैं तुमसे प्यार करती हूं।'' #Love #story #Waqt #Like #कहानी #follow #loveletter