White बात पहली मुलाकात की थी जब चेहरा खुशी से लाल था । बाहों में कस कर समेटने की चाह थी पर हवस न समझ ले इस बात का डर भी । अपने कपकपाते हाथो से हाथ थामना छूकर मानो एक अलग सा एहसास होना। सूखे होंठो से डरते डरते माथा चूमना मानो जिंदगी भर के लिए अपना कर लेना । धड़कने इतनी तेज़ चल रही थी मानो पटरी में दौड़ती रेलगाड़ी । मन पूरा शून्य हो चुका था मानो सोचने की छमता न बची हो । कहने को बहुत सी बातें थी पर ना जाने क्यों लब खामोश थे । एक टक निहारती रह गई आंखें मानो कह रही थी तेरे बिन यह जिंदगी बेकार है, तू पास है तो सब कुछ मेरे पास है ।। फिर मिले न मिले यह सोचकर गले लगाना इतना सुकून जैसे जन्नत मिल गई थी । दोनो की आंखे न जाने क्यों नम थी , मिलने की खुशी जितनी थी बिछड़ने का गम उससे दोगुना था ।। और अब आजादी अच्छी नही लगती मुझे अच्छा होगा जो तू मुझे अपनी बाहों में कैद कर ले हमेशा हमेशा के लिए ।। अच्छा होगा जो तू मुझे अपने ख्यालों में कैद कर ले हमेशा हमेशा के लिए ।। ©Writer 🍁🥀🍁 #24dec2024 #07:00am