सब बहुत खुश हैं आज महफ़िल में, अश्क़ आँखों में छुपाते रहिये। यूँ गुजर जाए न शाम मस्तानी, आप बस हँसते-हँसाते रहिये।। धूप है बहुत, सफ़र है लम्बा, प्यास प्यासों की बुझाते रहिये। इन आँखों को सुकूँ मिलता है, आप बस यूँ ही मुस्कुराते रहिये। ज़िन्दगी में हैं मुश्किलात बहुत, साथ इनका भी निभाते रहिये ! बन जाएगी ये ग़ज़ल इक दिन,आप बस इसको गुनगुनाते रहिये।। ©रश्मि बरनवाल "कृति" ज़िंदगी का सफ़र #कृतिकीकविता #ज़िंदगी #सफर