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*मुट्ठी भर प्यार के बीज बिखेर दो,* *दिलों की जमीन

*मुट्ठी भर प्यार के बीज बिखेर दो,*
*दिलों की जमीन पर...*
*बारिश का मौसम  है,*
*शायद अपनापन पनप जाए.!!*

Good Morning

©rama kant sharma Sharma 

retire
*मुट्ठी भर प्यार के बीज बिखेर दो,*
*दिलों की जमीन पर...*
*बारिश का मौसम  है,*
*शायद अपनापन पनप जाए.!!*

Good Morning

©rama kant sharma Sharma 

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