Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या तुम मुझे फिर मिलोगी या बनके हवा इन फिज़ाओं मे

क्या तुम मुझे फिर मिलोगी
या बनके हवा इन फिज़ाओं में बहोगी
क्या तुम मुझे फिर मिलोगी
या यूँ हीं बनके ख्वाहिश ताउम्र मेरे साथ चलोगी
क्या तुम मुझे फिर मिलोगी
या यूँ ही सदैव प्रकृति के कण कण में विराजित रहोगी
क्या तुम मुझे फिर मिलोगी
और अगर मिलोगी तो... 
अजनबी बनकर या कोई परिचित बनकर मिलोगी
आसमाँ के उस पार या पृथ्वी के इस पार मिलोगी
क्या तुम मुझे फिर मिलोगी.......??

©भारती वर्मा
  #kya