नज़राना इश्क का क्या तुम्हे मै दू, पहले मै तुम्हारी हूँ और क्या मैं करू, तेरे लिए जान दू , या साथ तेरे जिंदगी जियू, तुझे पुजू खुदा की तरह, या खुदा ही तुझ को मान लु, खुशियाँ तेरी जिंदगी मे लाने को, अपनी सारी खुशियाँ क़ुर्बान करूँ, गम कोई छु न सके तुम्हे, मैं ढाल बन कर खड़ी रहूँ, निभा लु हर रस्म वफ़ा की, तेरी इश्क में हर हद पार करूँ, या तो हो जाओ पुरी तरह तुम्हारी, या जिंदगी अपनी तेरे इश्क में कुर्बान करूँ। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1004 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।