करके अंधेरा तुम अपने घरों में दिया रोशनी के जलाकर तो देखो मैं दिखने लगूँगा मसीहा सभी को मेरी तरह करके जो इबादत तो देखो राजीव अहिंसा गज़लकार मसीहा