Nojoto: Largest Storytelling Platform

Kill the Ravana inside you because बडे ही आश्चर्

Kill the Ravana inside you because   बडे ही आश्चर्य की बात है...... 
दशहरा बडी धुम -धाम से मनाते है लोग 
बडी मात्रा में लोग इकठ्ठा होते है,, रावण का पुतला बनाते है, 
उसमें भी तरह तरह के पटाखे रखते है ,,,,,, कैसी मूर्खता भरी हरकते करते हैं,,, सही मायने में किसी त्यौहार का अर्थ ही नहीं मालूम बस मनाएं जा रहे है, चली आ रही परम्पाराएं निभाए जा रहे है,,, 
देखिए तब लोग इतनी भीड में इकठ्ठा हौते है, एक बार मान भी लिया अपनी खुशी को जाहिर कर रहे है लेकिन उसी समय न जाने कितने पापी लोग उस भीड में ही कितने घिनोनें कार्य कर जाते है,, लडकियों के साथ छेडकानी करना, चोरी करना, कभी कभी किसी की हत्या करना, ये सब सम्भव कैसे है,, आप लोगो द्वारा जमा की गई भीड.... यही कारण बनती है 
दुसरा,, रावण का पुतला जलाकर कौन सी महानता का कार्य कर देते हैं आप, केवल पर्यावरण को ही प्रदूषित करते है, वायू प्रदूषण,  ध्वनि प्रदूषण ही फैलाया जाता है !! 
 भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार का गहरा अर्थ है, वैसे ही कुछ इतने लम्बें समय से नहीं चला आ रहा, 
रावण का पुतला जलाना समझदारी नहीं बल्कि मुर्खता है वाकई में त्यौहार मना रहे हैं तो अपने अंदर के अहंकार को मार दो, अपने अंदर छुपे वो भाव जो दुसरों को कष्ट देने के लिए उठते है उनको जला दो 
एक सवाल खुद से... कभी किसी औरत को  पवित्र नजरो से देख पाए हैं अगर हां तो त्यौहार मनाने लायक हो ना तो कोई आवश्यकता नहीं समाज में और भी गंदगी फैलाने की 
क्षमा कीजिएगा शायद कुछ ज्यादा बोल दिया लेकिन ये ढोंग ढकोसला पंसद नहीं🙏🙏🙏🙏 जय जय श्रीराम 
इस पर आप सभी अपनी राय दे 🙏🙏🙏🙏

©Poonita Sharma जला दो उन भावों को जो दुसरों को कष्ट देने के लिए आपके मन में उठते है,, मार दो अपने अंदर के अंहकार को तो फायदा है कोई त्यौहार मनाने का अन्यथा हर दिन एक जैसी ही तो है 
भगवान श्रीराम की पुजा मूर्ति के आगे भोग लगाने और सिर झुकाने से नहीं होती, पुजा तो तब है जब आप श्रीराम जी के व्यक्तित्व को जानकार उनके गुणों को धारण कर लो 
ना तो फालतु ढोंग ढकोसले करने का फायदा ही नही 
जय जय श्रीराम

#KillRavana
Kill the Ravana inside you because   बडे ही आश्चर्य की बात है...... 
दशहरा बडी धुम -धाम से मनाते है लोग 
बडी मात्रा में लोग इकठ्ठा होते है,, रावण का पुतला बनाते है, 
उसमें भी तरह तरह के पटाखे रखते है ,,,,,, कैसी मूर्खता भरी हरकते करते हैं,,, सही मायने में किसी त्यौहार का अर्थ ही नहीं मालूम बस मनाएं जा रहे है, चली आ रही परम्पाराएं निभाए जा रहे है,,, 
देखिए तब लोग इतनी भीड में इकठ्ठा हौते है, एक बार मान भी लिया अपनी खुशी को जाहिर कर रहे है लेकिन उसी समय न जाने कितने पापी लोग उस भीड में ही कितने घिनोनें कार्य कर जाते है,, लडकियों के साथ छेडकानी करना, चोरी करना, कभी कभी किसी की हत्या करना, ये सब सम्भव कैसे है,, आप लोगो द्वारा जमा की गई भीड.... यही कारण बनती है 
दुसरा,, रावण का पुतला जलाकर कौन सी महानता का कार्य कर देते हैं आप, केवल पर्यावरण को ही प्रदूषित करते है, वायू प्रदूषण,  ध्वनि प्रदूषण ही फैलाया जाता है !! 
 भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार का गहरा अर्थ है, वैसे ही कुछ इतने लम्बें समय से नहीं चला आ रहा, 
रावण का पुतला जलाना समझदारी नहीं बल्कि मुर्खता है वाकई में त्यौहार मना रहे हैं तो अपने अंदर के अहंकार को मार दो, अपने अंदर छुपे वो भाव जो दुसरों को कष्ट देने के लिए उठते है उनको जला दो 
एक सवाल खुद से... कभी किसी औरत को  पवित्र नजरो से देख पाए हैं अगर हां तो त्यौहार मनाने लायक हो ना तो कोई आवश्यकता नहीं समाज में और भी गंदगी फैलाने की 
क्षमा कीजिएगा शायद कुछ ज्यादा बोल दिया लेकिन ये ढोंग ढकोसला पंसद नहीं🙏🙏🙏🙏 जय जय श्रीराम 
इस पर आप सभी अपनी राय दे 🙏🙏🙏🙏

©Poonita Sharma जला दो उन भावों को जो दुसरों को कष्ट देने के लिए आपके मन में उठते है,, मार दो अपने अंदर के अंहकार को तो फायदा है कोई त्यौहार मनाने का अन्यथा हर दिन एक जैसी ही तो है 
भगवान श्रीराम की पुजा मूर्ति के आगे भोग लगाने और सिर झुकाने से नहीं होती, पुजा तो तब है जब आप श्रीराम जी के व्यक्तित्व को जानकार उनके गुणों को धारण कर लो 
ना तो फालतु ढोंग ढकोसले करने का फायदा ही नही 
जय जय श्रीराम

#KillRavana

जला दो उन भावों को जो दुसरों को कष्ट देने के लिए आपके मन में उठते है,, मार दो अपने अंदर के अंहकार को तो फायदा है कोई त्यौहार मनाने का अन्यथा हर दिन एक जैसी ही तो है भगवान श्रीराम की पुजा मूर्ति के आगे भोग लगाने और सिर झुकाने से नहीं होती, पुजा तो तब है जब आप श्रीराम जी के व्यक्तित्व को जानकार उनके गुणों को धारण कर लो ना तो फालतु ढोंग ढकोसले करने का फायदा ही नही जय जय श्रीराम #KillRavana