जला दो उन भावों को जो दुसरों को कष्ट देने के लिए आपके मन में उठते है,, मार दो अपने अंदर के अंहकार को तो फायदा है कोई त्यौहार मनाने का अन्यथा हर दिन एक जैसी ही तो है
भगवान श्रीराम की पुजा मूर्ति के आगे भोग लगाने और सिर झुकाने से नहीं होती, पुजा तो तब है जब आप श्रीराम जी के व्यक्तित्व को जानकार उनके गुणों को धारण कर लो
ना तो फालतु ढोंग ढकोसले करने का फायदा ही नही
जय जय श्रीराम
#KillRavana