कैसे मनाउं धन तेरस? .............. क्या बताउं जनाब?जो खरीदना चाहता हूँ, वो तो बिक नहीं रहे है.. कैसे मनाउं धन तेरस?जो बिक रहे हैं, वो टिक नहीं रहे है... जो सपनों में दिखे,वो अशलियत में दिख नहीं रहे हैं.. बहुत सिखाता हूँ दिल को सब मोह माया है, पर कमबख्त सिख नहीं रहे है.. हम तो भेज दिए चिट्ठी पर चिट्ठी पर वो जवाबी चिट्ठी लिख नहीं रहे है.. दर्द तो होता है जनाब हमें,भले हि हम लोगों के सामनें चीख नहीं रहे है.. हरेक तारे दिख गए दिवाली के दीपक से पर मेरी चाँद दिख नहीं रहे है.. जला तो दूँ पटाखे उसके घर के सामनें पर पटाके भी उसके डर से चीख नहीं रहे है.. ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav कैसे मनाउं धन तेरस.. #Diwali