दिल मानता हर बात क्योंकि वो परवाह करता है, कैसा भी हो सलूक उससे, वो वाह-वाह करता है। अपने से ज़्यादा ख़याल तेरे दिल के ख़्वाब का है, वो किसी के लिए भी धड़के, दिल जाह करता है। धड़कनों पर यूँ भी चलता नहीं है किसी का ज़ोर, तू मुस्कुराता रहे ये सिर्फ़ इतनी ही चाह करता है। जाने कहाँ से लग जाती है इसे तेरे मन की ख़बर, कही-अनकही हर बात पर दिल निबाह करता है। इंकार कहाँ है 'धुन', पिलाये ज़हर या ढाये क़हर, ख़ुशी के लिए ही तो दिल हँसते² गुनाह करता है। जाह- आदर, सम्मान Rest Zone 'ग़ज़ल लेखन' #restzone #rztask237 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #feelings