इस जहां में आज कुछ तुमसे है मेरा कहना मैं रहूं तेरे अंदर और तू भी मुझमें ही रहना इश्क कर रहा गुजारिश हमसे यहाँ कुछ सोचकर मैं तेरे दर्द उठा लूं और तू बना ले मेरी खुशी को गहना आदित्य कुमार भारती टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग. #खुला मन