कहाँ है उम्मीदों का सितारा कहा है; गलियों में फिरता था आवारा, खोया कहाँ है; कड़वाहट से लदी जिंदगी, मिठास कहाँ है; धोखे और गुमराह के जाल सजे है, प्यार कहाँ है; आत्मा ठिठुरती रही ठण्ड में, वो ममता का गर्म एहसास कहाँ है; ओझल है नज़रे भी, वो साथी राहगीर कहाँ है; कहाँ है..... #nojoto_hindi #kuch_baatein #nojoto_poetry #कहाँ_है