तेरी आदत लगा के दिल, जाने क्यूँ बेज़ार करता है चाँद गलबहियां डाले चाँदनी के, हमें ख़्वार करता है! ख़्वार-disgrace, dishonour, shame भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक। परिणाम की घोषणा कल रात 9 बजे तक। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।