राह तेरी-मेरी अब कभी दिल से जुदा ना होगी, राह ए उल्फत में अब आल्म ए नज़ा ना होगी, दर - पर्दा दिल बदगुमानी नहीं वफाओं में, दिल ए मुतमइन है तेरे प्यार की गिरफ्त में। ♥️ Challenge-625 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।