बिखरे हुए ख्वाब सुबह तक सिमट जातें हैं जो रात होने पर फिर बिखर जातें हैं, यह सिलसिला खत्म करने के लिए तोड़ देता हूँ इन ख्वाबों को, लेकिन यह ख्वाब हैं जनाब कुछ वक़्त बाद यह अपनेआप बुन जातें हैं । #dreams #good #memories