फुरसत कहाँ जमाने में आबाद तो बस राहें हैं। हम तो रैन बसेरे में बस, कुछ पल की मोहलत चाहे हैं।। मंजिल मंजिल करते करते रास्तों मे राते कट जाये हैं। थोडा सुस्ता ले तो लगता जैसे, मुसीबत सारी हम ही लायें हैं।। भोर की हमको प्यास बडी, है आस बडी बिछौना भी घर ही छोड आये हैं। गर मिल जाये सुकून-ए-दिल अगर जमाने में। खरीदार हूँ मै, कुछ अशर्फीयां जो कमाये हैं।। @avran #aavran #life#lifeisbeautiful #yqquotes #फुर्सत #जमाना #दिलकीबातें